Hindi

जुर्म से लोहा लेने वाले यह पूर्व डीजीपी अब मिटा रहे हैं गरीबों की भूख: विश्व दयालुता दिवस पर पढ़िए डी. शिवानंदन की कहानी

Rate this post

विश्व दयालुता दिवस (World Kindness Day) पर, पूर्व डीजीपी, डी. शिवानंदन स्कूल के बच्चों को 20,000 खाद्य पैकेट दान में देंगे। Humans of Bombay द्वारा अपने फेसबुक पेज पर डाले गए एक प्रेरणादायक पोस्ट में, इस बाबत जानकारी दी गयी डी. शिवानंदन की कहानी हमारे जीवन के बहुमूल्य सबकों में से एक है।

भारत में लगभग हर क्षेत्र में चरम स्थितियां देखने को मिलती हैं। यह एक ऐसा देश है जहां रोजाना लगभग 1.8 लाख टन भोजन बर्बाद हो जाता है, यह बात अपने आप में तब और ज्यादा चिंतनीय और शर्मनाक हो जाती है जब हमे यह देखते हैं कि देश में करीब 20 करोड़ लोग हर दिन भूखे पेट सोने को मजबूर होते हैं।

D Sivananda, IPS officer, Retired IPS, former DGP, roti bank, World Kindness Day, Inspiring people, acts of kindness, positive news, positive stories

सरकारों से लेकर एनजीओ तक इस सवाल से जूझते नजर आते हैं कि आखिर इस अंतर को किस प्रकार से कम किया जाए। हालाँकि कोई भी ठोस निष्कर्ष निकाल सकने में हम अब तक नाकाम रहे हैं। लेकिन यह जरूर है कि आये दिन कुछ ऐसे प्रयास अवश्य होते हैं जो दिल को सुकून पहुंचाते हैं। ऐसे ही एक प्रयास में, एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डी. शिवानंदन ने जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए एक पहल की शुरुआत की है।

रोटी बैंक‘ (Roti Bank) नामक यह पहल, पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई थी। इस मुहिम के अन्तर्गत, रेस्तरां, क्लबों और पार्टियों से बचे हुए भोजन को इकट्ठा किया जाता है और इसे खराब होने से पहले गरीब लोगों को वितरित किया जाता है।

D Sivananda, IPS officer, Retired IPS, former DGP, roti bank, World Kindness Day, Inspiring people, acts of kindness, positive news, positive stories

आज, विश्व दयालुता दिवस पर, इस पूर्व पुलिस अधिकारी ने स्कूल के बच्चों को 20,000 खाद्य पैकेट दान करने के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन, Kindness Unlimited (काइंडनेस अनलिमिटेड) से हाथ मिलाया है। ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे से बातचीत में शिवानंदन जी कहते हैं,

बच्चों को दयालुता सिखाई जा सकती है।

शिवानंदन, तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में अपने तीन भाई-बहनों के साथ बड़े हुए हैं। उन सभी ने न्यूनतम संसाधनों के साथ शिक्षा प्राप्त की लेकिन जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने के लिए अपने अंदर सामर्थ्य का निर्माण भी किया। उनके माता-पिता बहुत ज्यादा शिक्षित नहीं थे, लेकिन एक बात यह थी कि उन्होंने अपने बच्चों को यह सिखाना अवश्य सुनिश्चित किया कि जब आपके पास पर्याप्त संसाधन हों, तो उसे औरों के साथ जरूर बाँटें।

कुछ सालों बाद, शिवानंदन कॉलेज के प्रोफेसर बन गए और वहां उन्होंने अर्थशास्त्र पढ़ाया। हालांकि, वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थे, और इसका कारण था कि वे समाज के ज़रूरतमंद लोगों के लिए कुछ करना चाहते थे। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन किया और इसे अपने पहले ही प्रयास में पास करलिया। इस पूरी सफलता का भार उनकी योग्यता पर था, और उन्होंने इस पूरी परीक्षा को महज़ 85 रुपये की टेस्ट फीस में पास करलिया।

D Sivananda, IPS officer, Retired IPS, former DGP, roti bank, World Kindness Day, Inspiring people, acts of kindness, positive news, positive stories
Picture credit: Humans Of Bombay

भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने के बाद, शिवानंदन ने वास्तविकता का पहली बार सामना किया। वह हर अपराध के मूल कारण, लालसा, लालच और भूख को अच्छे से समझते थे। वर्ष 1998 में, जब गिरोह केंद्रित हिंसा (gang violence) अपने चरम पर थी, तो उन्होंने एक न्यूज़ चैनल पर एक महिला को देखा जो डर रही थी कि उस रात उसका पति सुरक्षित रूप से घर लौटेगा या नहीं। शिवानंदन जानते थे कि गिरोहकेंद्रित हिंसा के पीछे जिन लोगों का हाथ था, वे मूलभूत जरूरतों से वंचित थे। वह जानते थे कि इस समस्या को इसकी जड़ों तक जाकर हल किया जाना था।

D Sivananda, IPS officer, Retired IPS, former DGP, roti bank, World Kindness Day, Inspiring people, acts of kindness, positive news, positive stories
Picture credit: Indian Express

वो एचओबी के साथ वार्ता में स्वयं बताते हैं,

गिरोह केंद्रित हिंसा, उन सभी लोगों द्वारा शुरू की गई थी, जिनके पास पर्याप्त बुनियादी जरूरतें, जैसे भोजन और घर नहीं थे। वे मिल श्रमिकों के बच्चे थे जो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए थे और बेरोजगार थे। स्ट्रीट बच्चों को नशीली दवाओं की आदत थी, क्योंकि वे गरीबी से बचना चाहते थे। जब मैं गडचिरोली में था, मैंने देखा कि लोग भूख के चलते लाल चींटियों को खाते हैं।

शिवानंदन ऐसे लोगों की मदद करने के लिए उत्सुक थे। इसलिए उन्होंने पर्याप्त धन जुटाने के बाद, वंचित परिवारों के बच्चों के लिए तीन स्कूल शुरू किए। आज उनके द्वारा स्थापित स्कूलों के माध्यम से 4,500 से अधिक बच्चों को मुफ्त में शिक्षा मिल रही है/चुकी है। इसके अलावा, उनकी पहल ‘रोटी बैंक’ ने मुंबई में अबतक लगभग 3 लाख लोगों को खाना खिलाया है। और उनकी दयालुता, समाज में लगातार एक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रही है।

D Sivananda, IPS officer, Retired IPS, former DGP, roti bank, World Kindness Day, Inspiring people, acts of kindness, positive news, positive stories

वो स्वयं कहते हैं,

मैं उन सभी लोगों से, जो कभी न कभी किसी न किसी प्रकार की दयालुता के लाभार्थी रहे हैं, कहता हूँ वे इस दयालुता को आगे बढ़ाएं और लोगों की हरसंभव मदद करें। आपको दयालुता के छोटे कृत्यों (small acts of kindness) की आवश्यकता है। आप दयालुता का परिणाम शायद तुरंत नहीं देख सकेंगे, लेकिन मेरा विश्वास करिये, यह लोगों की दयालुता ही है जो हमारे समाज में बदलाव ला सकती है।

हम आशा करते हैं कि दयालुता, समाज में फैली नफरत से आगे निकलने में सफल रहेगी और हम सभी अपने लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण करने में सफलता प्राप्त करेंगे।

Bringing you independent, solution-oriented and well-researched stories takes us hundreds of hours each month, and years of skill-training that went behind. If our stories have inspired you or helped you in some way, please consider becoming our Supporter.

Sparsh Upadhyay

एक विचाराधीन कैदी हूँ। कानून की पढ़ाई भी की है। जितना पढ़ता हूँ, कोशिश रहती है कि उतना ही लिखूं भी। सच्चाई, ईमानदारी और प्रेम को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत समझता हूँ।

About the Author

Sparsh Upadhyay

एक विचाराधीन कैदी हूँ। कानून की पढ़ाई भी की है। जितना पढ़ता हूँ, कोशिश रहती है कि उतना ही लिखूं भी। सच्चाई, ईमानदारी और प्रेम को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत समझता हूँ।

Read more from Sparsh