असम में आए बाढ़ ने अब तक 52 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है, राज्य के 30 जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी (ASDMA)के ताज़ा बयान के मुताबिक असम के 4,663 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। राज्य को जल मुहैया कराने वाली 11 नदियां सामान्य जलस्तर से उपर बह रहीं हैं, ऐसे में और ख़तरे की आंशका को टाला नहीं जा सकता है।
बाढ़ से निपटने के लिए राज्य भर में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की तैनाती कर दी गई हैं। 19 अत्यधिक प्रभावित जिलों में 468 नावें तैयार खड़ी है, जिसके माध्यम से 14,134 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
लोगों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए विभिन्न जिलों में 695 राहत शिविर खोले गए है जिनमें रहने, खाने और मुफ़्त में दवाइयां दी जा रही हैं. असम के 30 जिलों में बनाए गए इन शिविरों में 1,47,304 लोगों ने सुरिक्षत शरण लिया है। रेल मंत्री पियुष गोयल ने जानकारी दी कि , असम से गुजरने वाली ट्रेनों में अतरिक्त बोगियां लगाई गई है, जिसके माध्यम से लोग सुरिक्षत स्थानों पर आसानी से पहुंचाया जा सके।
जानवरों पर पड़ा क़हर
इस बाढ़ का असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों पर भी पड़ा है. कांजीरंगा राष्ट्रीय पार्क यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है।
काजीरंगा नेशनल पार्क की तस्वीरें भयावह है,असम के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार राज्य के गोलाघाट और नगांव जिलों में स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क का 90 फ़ीसद हिस्सा पानी में डूब चुका है, राष्ट्रीय पार्क में 150 से अधिक शिकार रोकथाम शिविर भी प्रभावित हुए हैं। यहां बाघ, हाथी, भालू (स्लॉथ बियर), बंदर और कस्तूरी हिरन जैसे अन्य जानवर भी रहते है। जारी बयान के अनुसार कुछ जानवरों ने उद्यान के अंदर स्थित ऊंचे स्थानों पर शरण ली है ऐसे में जंगली जानवर इसका शिकार बन रहे है. अधिकारिक खबर के मुताबिक दो गैंडों की डुबकर मौत हो चुकी है।
सावधानी बरतते हुए काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क में वन विभाग ने वन सुरक्षाकर्मियों के अलावा राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीम भी पार्क के संवेदनशील स्थानों पर असम पुलिस की भी तैनाती कर दी गयी है । असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी (ASDMA) के आंकड़े बताते हैं कि राज्य भर में 15 लाख से अधिक मवेशी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ के प्रकोप से फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। असम में आये इस बाढ़ के चलते 1,63,969 लाख हेक्टेयर किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है। इनको अब सरकार की ओर मिलाने वाले मुआवजे के बाद ही भरपाई संभव हो पायेगी ।
आप कर सकते है असम की मदद
बाढ़ से निपटने के लिए असम को आर्थिक मदद भी मुहैया की जरूरत है. असम को आपातकाल की स्थिति से निकालने के लिए आप भी मदद कर सकते है। असम सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए वेबसाइट cm.assam.gov.in पर जाकर मुख्यमंत्री राहत कोष में राशि जमा करा सकते हैं।
अन्य एक क्राउड फंडिग वेबसाइट milaap.org पर भी राशि जुटा सकते हैं, जिसे बाढ़ में फंसे असम के लोगों को मदद मिलेगी।
२०१८ में देश के लिए एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक असम की खिलाड़ी हिमा दास ने अपने वेतन में मिलने वाले आधे राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष जमा किया है।
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